सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने नेताजी सुभाषचंद्र बोस के जन्मदिन को राष्ट्रीय छुट्टी घोषित करने की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दी है। अदालत ने याचिका दाखिल करने वाले वकील को कहा कि उन्हें अदालत की सीमा का ध्यान होना चाहिए, सरकारी छुट्टी घोषित करने काम सुप्रीम कोर्ट का नहीं है, बल्कि सरकार का है।
चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिकाकर्ता को कहा कि – “नीला आसमान अच्छा है इसलिए आप कभी इसके लिए भी आ जाएंगे। आप एक वकील हैं, आपको ये पता होना चाहिए कि किस तरह के मामले अदालत में लाए जा सकते हैं। सरकारी छुट्टी घोषित करने का दायरा सरकार के अधीन है।“
अदालत ने याचिकाकर्ता के के रमेश को कहा कि- “वैसे भी आपको अपनी जिंदगी में ज्यादा मेहनत करनी चाहिए क्योंकि देश को आज़ादी काफी मुश्किल से मिली है। इसके लिए राष्ट्रीय छुट्टी क्यों घोषित होनी चाहिए।“
नेताजी का जन्मदिन 23 जनवरी को होता है और वकील की दलील थी कि जैसे बुद्द जयंती, बाल दिवस को छुट्टी होती है वैसे ही सुभाषचंद्र बोस के जन्मदिन पर भी हो। इत्तेफाक से, आज 14 नवंबर यानी बाल दिवस है।
अगर शनिवार, रविवार की छुट्टी हटा दें तो साल में 261 दिन काम होता है और सरकारी आंकड़ों के मुताबिक केंद्र सरकार 17 अनिवार्य छुट्टी और 36 वैकल्पिक छुट्टी देती है।