अतीक अहमद की हत्या को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दो याचिकाएं दाखिल हुई हैं। दोनों ही याचिकाओं में उत्तर प्रदेश पुलिस पर सवाल खड़े किए हैं और कहा है कि हत्या पर जो जांच हो रही है, उस पर उन्हें संदेह है, लिहाज़ा इस मामले की जांच सीबीआई करे। पहली याचिका सुप्रीम कोर्ट के एक वकील विशाल तिवारी ने की है। इस याचिका में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश के डीजीपी ने एक लिस्ट गिनाई थी जिसमें 183 एनकाउंटर का जिक्र है।
वकील विशाल तिवारी की क्या हैं मांगे
पहली मांग है कि इन सारे मामलों की सीबीआई जांच कराई जाए जिसमें अतीक अहमद के बेटे असद का भी एनकाउंटर का जिक्र है।
दूसरी मांग है कि तीन हाईकोर्ट के तीन रिटायर्ड जजों का पैनल बने और उसकी अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज करें।
तीसरी मांग है कि किसी भी आरोपी को अगर एक जगह से दूसरे जगह ट्रांसफर किया जा रहा है तो उसके लिए सुप्रीम कोर्ट एक गाइडलाइन बनाए।
आपको याद दिला दें कि माफिया नेता अतीक अहमद अहमदाबाद के साबरमती जेल में बंद था और उसको दो बार वहां से गाड़ी में प्रयागराज लाया गया था। दूसरी बार जब वो आया तो मेडिकल कराने के लिए पुलिस उसे लेकर कैल्विन अस्पताल लेकर गई थी और वहीं पर मीडिया के भेष में आए तीन लोगों ने अतीक और उसके भाई अशरफ की हत्या कर दी।
अमिताभ ठाकुर की याचिका
दूसरी याचिका में अमिताभ ठाकुर नाम के एक पूर्व आईपीएस ने की है। ठाकुर का कहना है कि इस मामले में प्रोटोकॉल का पालन नहीं हुआ है। सरकार की प्रतिक्रिया भी सही नहीं रही है इस मामले में। साथ में जो जांच पैनल बनाया गया है उस पर उन्हें भरोसा नहीं है लिहाजा इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट करे और आगे जांच के लिए ये मामला सीबीआई को सौंपा जाए।
अमिताभ ठाकुर ने पुलिस की भूमिका की जांच कराने की मांग की है। ठाकुर की दलील है कि जानबूझकर उस दिन अतीक अहमद और अशरफ के पास लोगों को आने दिया गया था। पुलिस कस्टडी में पत्रकारों से बातचीत करने मौका देना सुरक्षा में चूक था औऱ कथित पत्रकारों की कोई चेकिंग भी नहीं की गई थी।