हाल के दिनों में आपने देश भर में सोसाइटी में पालतू कुत्तों के आतंक को लेकर कई बातें सुनी होंगी। सोसाइटी की लिफ्ट में पालतू कुत्तों की वजह से डर का माहौल है और लोग लगातार इसे लेकर कंपलेंट कर रहे हैं।
बार बार ये सवाल उठते हैं कि सोसाइटियों में क्या जानवरों को पालना का अधिकार दिया जाना चाहिए या नहीं क्योंकि उंची बिल्डिंगों (हाई राइज़ सोसाइटी) में लिफ्ट का इस्तेमाल बच्चे औऱ बूढे, दोनों इस्तेमाल करते हैं और जानवर उन पर हमला कर सकते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि लोगों को अपने घरों में जानवरों को रखने के लिए भारत के संविधान में प्रावधान है और इसके लिए सरकार नियम और दिशानिर्देश जारी करते रहती है ।
भारत में पालतू जानवरों को लेकर लोगों में जागरुकता नहीं के बराबर है । आज हम आपको बताएंगे कि सोसाइटी में पालतू जानवरों को लेकर क्या कानून है और आपके अधिकार क्या क्या हैं ?
सबसे पहले जानिए भारत का संविधान इस पर क्या कहता है
अनुच्छेद 51-ए (जी) में कहा गया है: “भारत के प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य होगा कि वह जंगलों, झीलों, नदियों और वन्यजीवों सहित प्राकृतिक पर्यावरण की रक्षा और सुधार करे और जीवित प्राणियों के लिए दया करे।”
यानी संविधान कहता है कि हमें जानवरों के खिलाफ दया की भावना रखनी चाहिए। लेकिन देश में करोड़ों की तादाद में लोग ऐसे हैं जिन्हें पालतू जानवर पसंद नहीं है और इसकी कई वजहें भी हैं जैसे आसपास की जगहों को गंदा करना, कभी कभी कुत्ते और बिल्लियां जानलेवा हमला भी कर देतें हैं। जिन जानवरों को वैक्सीन नहीं लगी है उसके काटने से इंसान की जान को खतरा भी हो सकता है। यहां आपको ये जानना भी जरुरी है कि बिल्ली, बंदर, घोड़ा की तरह ही कुत्तों के काटने से भी रेबीज नाम की बीमारी का संक्रमण फैलता है। रेबीज का वायरस स्लो किलर होता है। अगर समय पर और उचित उपचार न मिले तो इससे इंसान की जान भी जा सकती है।
घरों में सबसे ज्यादा कुत्ते पाले जाते हैं और एक रिसर्च के मुताबिक भारत में साल 2018 में करीब 2 करोड़ पालतू कुत्ते थे और साल 2023-24 में ये करीब 3 करोड़ होने की संभावना है।
पालतू जानवरों से बचाव को लेकर लोगों के क्या अधिकार हो सकते हैं, ये भी जानना जरुरी है सबके लिए।
सबसे पहले जानिये कि पालतू जानवरों के मालिकों के पास क्या अधिकार हैं
- कुत्तों को भोंकने का अधिकार है और समाज को इसे बर्दाश्त करना होगा।
- पालतू जानवरों को नसबंदी और समय समय पर वैक्सीन दिलाना पड़ेगा ।
- उन सोसाइटियों में जहां लिफ्ट है वहां जानवरों को लिफ्ट में ले जाने का अधिकार है ।
- जानवरों को मल त्याग पर रोक नहीं लगाई जा सकती है
- जानवरों को पार्क या कॉमन खुली जगह पर रोक नहीं लगाई जा सकती है हालांकि आपस में बात करके इसके लिए एक समय सीमा तय की जा सकती है।
जानवर पालने वालों के लिए कई नियम और कायदे बनाएं गए हैं जिसे उन्हें लगातार पालन करना होगा।
- जो लोग कुत्ता या जानवर पालेंगे उन्हें लगातार ये ध्यान देना होगा कि वो उनके कंट्रोल में है औऱ लोगों को परेशान नहीं कर रहा है।
- किसी भी हालत में जानवर को अकेले नहीं छोड़ना होगा।
- जानवर के मालिक को ये ध्यान रखना होगा कि आसपास के लोगों के लिए कहीं वो मुसीबत तो नहीं बन रहा है।
- भले ही जानवर को उंची आवाज में चिल्लाने या कुत्ते को भोंकने की मनाही नहीं हो लेकिन जानवर के मालिक ये ध्यान रखना होगा कि उसकी आवाज उंची नहीं है।
- जानवर के मल को सफाई की जिम्मेदारी उसके मालिक या फिर उस शख्स की होगी जो उसे सार्वजनिक जगह पर घूमा रहा है।
- जानवर को हमेशा पट्टे में बांध कर रखना होगा और ये जिम्मेदारी उसके मालिक की होगी।
हर साल देश भर में करीब 70 लाख से ज्यादा जानवरों के काटने की घटना होती है और करीब 18 हज़ार से लेकर 20 हज़ार तक लोगों की हर वर्ष मौत हो जाती है।
अगर किसी पर जानवर हमला कर दे या काट ले, तो उसके पास क्या अधिकार है ये भी आपको जानना चाहिए। आप कुत्ते के मालिक पर केस दर्ज करा सकते हैं और आप मुआवजे की मांग भी कर सकते हैं।
कुत्ते ने काटा को मालिक को जेल होगी
अगर पालतू कुत्ता किसी को काट लेता है तो भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 289 के तहत कुत्ते के मालिक को अधिकतम 6 महीने जेल की सजा, 1000 रुपये का जुर्माना या फिर दोनों हो सकते हैं।
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