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Author: NitiRiti Bureau
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नई दिल्ली, नवंबर 10 केंद्र सरकार ने कर्नाटक हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस रितु राज अवस्थी को लॉ कमीशन का नया चेयरमैन नियुक्त किया है। वैसे सरकार ने भले ही 22वें लॉ कमीशन के गठन को मंज़ूरी दे दी हो और नया चेयरमैन नियुक्त कर दिया हो लेकिन पिछले 11 साल से सरकार लॉ कमीशन की सारी रिपोर्ट ठंडे बस्ते में ही डालती रही है। इस दौरान विधि आयोग ने कई रिपोर्ट सरकार को दी है लेकिन सरकार ने इसपर कोई कार्रवाई नहीं की। जस्टिस रितु रात अवस्थी और कानून मंत्री किरेन रिजिजु साल 2011 में मनमोहन सिंह सरकार ने…
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Photo Courtesy: Hemant Soren twitter
नीति रीति ब्यूरो आज से जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ सुप्रीम कोर्ट के 50वें मुख्य न्यायधीश हो गए हैं। जस्टिस चंद्रचूड़ का कार्यकाल करीब दो साल का होगा और इस दौरान 18 नए जजों की नियुक्ति की सिफारिश जस्टिस चंद्रचूड़ की कॉलेजियम करेगी। जस्टिस चंद्रचूड़ 10 नवंबर 2024 को रिटायर होंगे। चीफ जस्टिस के अधिकार और सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम के बारे में आपने काफी सुना होगा लेकिन ये क्या है और कैसे काम करती है, ये आज हम आपको बताते हैं। क्या आपको पता है कि इस बार के कॉलेजियम में 5 की जगह 6 जज होंगे ? क्या है कॉलेजियम…
New Delhi, Nov 8. The Supreme Court has quashed as time-barred general court martial proceedings initiated against an army officer, who allegedly stole the affection of his brother officer’s wife, but refused to stop departmental proceedings against him. “We are of the opinion that trial by general court martial directed vide order dated November 22, 2018, was clearly barred under Section 122 of the Army Act. The proceedings deserve to be quashed and set aside and are accordingly set aside,” the top said in a ruling delivered on Monday. The bench, however, refused to stop departmental disciplinary proceedings against the…
सभी तीनों आरोपियों को बरी किया, कहा सबूत नहीं जुटा पाई पुलिस
नीतिरीति ब्यूरो नई दिल्ली, 7 नवंबर सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक ऐतिहासिक फैसले में आर्थिक आधार पर दिए जाने वाले आरक्षण को सही ठहराया है। 5 जजों की संविधान पीठ ने 3-2 के बहुमत से संविधान के 103वें संशोधन को हरी झंड़ी दी। हालांकि अल्पमत में रहने वाले जजों में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस उदय ललित भी थे। ये फैसला जस्टिस ललित का रिटायरमेंट से पहले आखिरी फैसलों में से एक था। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद आर्थिक आधार पर सवर्णों को भी 10 फीसदी तक आरक्षण देने का रास्ता खुल गया है अगर उनकी सालाना…
New Delhi, Nov 8. The Supreme Court has extended the benefit of doubt to three convicts in the heinous Chhawla rape and murder case in Delhi and set aside their conviction and sentences. The three had been sentenced to death by the trial court and the High Court. The court set free the three convicts — Rahul, Ravi Kumar and Vinod @Chhotu — on the ground that the prosecution had not been able to establish a cogent chain of evidence to prove their involvement in the crime. “The prosecution has to bring home the charges levelled against them beyond…